FIDE World Cup: क्या यह भारतीय शतरंज के ‘रत्न’ आर प्रज्ञानंदा के लिए एक स्वर्ण मौका है?
FIDE World Cup फाइनल 2023: फीडरेशन इंटरनेशनल डी शेस (FIDE) वर्ल्ड कप फाइनल टूर्नामेंट का फाइनल मैच अभिवादन और उत्सव की भावना से भरा हुआ है, जो दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन (Magnus Carlsen) और भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानंदा (R Praggnanandhaa) के बीच खेला जा रहा है। इस दौरान, आर प्रज्ञानंदा ने फाइनल के दूसरे दिन वर्ल्ड नंबर 1 मैग्नस कार्लसन के साथ बराबरी पर खत्म होने वाले मैच में 30 चालों में काले मोहरों से खेलते हुए एक महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की।
फाइनल का आखिरी बाजी 24 अगस्त को होगी, और यह मैच दुनिया के शतरंज प्रेमियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ एक बड़ा इतिहास बना रहा है।

यह ध्यान देने योग्य है कि यह फाइनल न केवल आर प्रज्ञानंदा के लिए, बल्कि भारतीय शतरंज के लिए भी एक गर्मागर्म और गर्व की बात है, क्योंकि वह अपने योगदान और प्रदर्शन से ध्वनि मचा रहे हैं।
प्रज्ञानंदा की ओर से एक और महत्वपूर्ण मोमेंट यह है कि वह दुनिया के नंबर 3 खिलाड़ी, फाबियानो करूआना को सेमीफाइनल में 3.5-2.5 से हराकर फाइनल में पहुंचे हैं।
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इसके अलावा, प्रज्ञानंदा ने अपने योगदान से 2024 कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए भी क्वालीफाई कर लिया है, जो शतरंज के विश्व चैम्पियनशिप का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
आर प्रज्ञानंदा के शतरंज करियर का सफर बेहद महत्वपूर्ण है, और उन्होंने ग्रैंडमास्टर के खिताब के साथ-साथ अन्य कई महत्वपूर्ण खिताबों को भी अपने नाम किया है, जैसे कि 2013 में वर्ल्ड युथ चेस चैंपियनशिप अंडर-8 और 2022 में ग्रैंडमास्टर का टाइटल। वह शतरंज के इस महत्वपूर्ण सफर पर आगे बढ़ रहे हैं, और हम उन्हें उनकी उम्र के हिसाब से इस खिलाड़ी का अद्वितीय उत्कृष्टता और प्रगति की श्रेणी में देखते हैं।
इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारतीय शतरंज का भविष्य उज्जवल है, और प्रज्ञानंदा इस महत्वपूर्ण मार्ग का पहला कदम है। हम सब उनके साथ हैं, और हमें गर्व है कि वह दुनिया के शतरंज सीने में अपनी पहचान बना रहे हैं।